Jal Patni
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हमारे समाज में बेटी होना क्यूँ आज भी एक अभिशाप है? पुरुष-महिला लिंगानुपात दिन-ब-दिन और ख़राब होता जा रहा है। आज भी बहुत सी बेटियों को पैदा होने से पहले ही मार दिया जाता है, और जो पैदा हो जाती हैं उनको हमेशा बेटी होने का दंश झेलना पड़ता है। और यदि वो किसी ग़रीब परिवार में पैदा हो तो उसके लिए पूरा जीवन ही एक नरक बन जाता है। कभी शादी के नाम पर उसका सौदा किसी अधेड़ उम्र के पुरुष से कर दिया जाता है, तो कभी किसी ऐसे घर में ब्याह दी जाती है जहाँ उसकी जगह एक दासी से ज़्यादा कुछ नहीं होती है।
ये कहानी भी ऐसी ही किसी लड़की की है, जिसको किसी घर में पानी भर कर लाने की ज़रूरत को पूरा करने के लिए समाज शादी के नाम पर बेच देता है। उससे बिना पूछे कि आख़िर उसे क्या चाहिए। और देखते ही देखते लाछी और रघु की मासूम मोहब्बत समाज की बंदिशों और मजबूरियों में दम तोड़ देती है।
Product Description
- Author: Afroz Alam
- Genre: Social Issues
- Language: Hindi
- Pages: 44 Pages
- Country: India
| Weight | .140 kg |
|---|---|
| Dimensions | 14 × 2 × 8 cm |
| Author | Afroz Alam |












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